आयुर्वेद की खोज भारत में ही हुई थी और भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से आयुर्वेद का अभ्यास किया जाता है - 90 प्रतिशत से अधिक भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा के किसी न किसी रूप का उपयोग करते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा (University of Minnesota) के सेंटर फॉर स्पिरिचुअलिटी एंड हीलिंग (Center for Spirituality and Healing) के अनुसार इस परंपरा को पश्चिमी दुनिया में पिछले कुछ सालों में बहुत लोकप्रियता प्राप्त हुई है, हालांकि अभी भी आयुर्वेद उपचार को वैकल्पिक चिकित्सा उपचार माना नहीं जाता है।
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1. आयुर्वेद कितने प्रकार के होते है
आयुर्वेद तीन प्रकार का होता है।
अर्थात् आयुर्वेद शास्त्र की तीन प्रमुख शाखाएँ हैं- (१) हेतु ज्ञान, (२) लिंग ज्ञान, (३) औषधि ज्ञान। हेतु ज्ञान का अर्थ है- रोग किस कारण से उत्पन्न हुआ, यह जानकारी रखना। लिंग ज्ञान का अर्थ है, रोग का विशेष लक्षण का ज्ञान प्राप्त करना।
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2. आयुर्वेद का उपयोग क्या है?
आयुर्वेद न केवल रोगों की चिकित्सा करता है बल्कि रोगों को रोकता भी है। आयुर्वेद भोजन तथा जीवन शैली में सरल परिवर्तनों के द्वारा रोगों को दूर रखने के उपाय सुझाता है। आयुर्वेदिक औषधियां स्वस्थ लोगों के लिए भी उपयोगी हैं।
आयुर्वेद भारत की एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर, मन और आत्मा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। समग्र दृष्टिकोण जीवनशैली में बदलाव, आहार और व्यायाम को जोड़ता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और मसाले आयुर्वेदिक चिकित्सा की समग्र प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कुल मिलाकर, इसका उद्देश्य सामान्य स्वास्थ्य को बनाए रखना और बेहतर बनाना है, चाहे आप किसी भी उम्र के हों। आयुर्वेद हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है।
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अब आप समझ गए होंगे आयुर्वेद का उपयोग क्या है।
3.आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
आयुर्वेद का मुख्य लक्ष्य व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना एवं रोगी हो जाने पर उसके विकार का प्रशमन करना है। ऋषि जानते थे कि धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ जीवन से है इसलिए उन्होंने आत्मा के शुद्धिकरण के साथ शरीर की शुद्धि व स्वास्थ्य पर भी विशेष बल दिया है।
आयुर्वेद का मुख्य लक्ष्य व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना एवं रोगी हो जाने पर उसके विकार का प्रशमन करना है। ऋषि जानते थे कि धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ जीवन से है इसलिए उन्होंने आत्मा के शुद्धिकरण के साथ शरीर की शुद्धि व स्वास्थ्य पर भी विशेष बल दिया है।
आयुर्वेद शास्त्र आयु की व्याख्या करता है। यह दीर्घ और आरोग्यमय आयु की प्राप्ति का मार्ग निर्दिष्ट करता है। आयु की स्थिरता और स्वारुण संरक्षण एवं व्याधि परिरक्षण यही इसका उद्देश्य है।
आयुर्वेद आयु की रक्षा के साधनों का उपदेश करने वाला शास्त्र है।
आयुर्वेद शास्त्र का दूसरा उद्देश्य रोग से ग्रसित होने पर रोगी के कष्ट का निवारण संशोधन करना है।
यही आयुर्वेद का उद्देश्य है।
4. आयुर्वेद किसका इलाज करता है?
अन्य अध्ययनों में पाया गया है कि आयुर्वेद रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और बीमारी से तेजी से उभरता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली कई जड़ी-बूटियों में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे हृदय रोग और गठिया जैसी दीर्घकालिक बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
आयुर्वेद में छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी हर बीमारी का इलाज है। चिकित्सा पद्धति से अधिक कारगर है। कोरोना संकट में पूरी दुनिया ने इसे देखा ।
जो ये जानना चाहते है आयुर्वेद किसका इलाज करता है उनके लिए ये जांनकारी आयुर्वेद में बड़ी से बड़ी हर बीमारी का इलाज संभव है।
5. आयुर्वेद के दुष्प्रभाव क्या हैं?
अगर निर्धारित दवाओं या उपचारों का उचित तरीके से पालन नहीं किया जाता है तो आयुर्वेद (Ayurveda) का भी दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है। कहा जाता है की अमृत की अधिकता भी जहर बन सकती है और जहर का उचित उपयोग अमृत साबित हो सकता है। आयुर्वेद एक 'नातू विद्या' है इसका कोई रिकॉर्ड ज्ञान नहीं है।
जबकि आयुर्वेदिक दवाएं प्राकृतिक और हर्बल हैं, किसी को स्वयं दवा लेने से सख्ती से बचना चाहिए। गलत दवा या गलत खुराक दुष्प्रभावों का कारण बन सकती है और शरीर और दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती है। किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर के सलाह के अनुसार आयुर्वेदिक दवाएं शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका है।
जबकि आयुर्वेद दवाओं का आमतौर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और यह सिर्फ लक्षण ही नहीं बल्कि बीमारी को जड़ से ठीक करती है। आयुर्वेद के दुष्प्रभाव कम और
5. लोग आयुर्वेद को क्यों चुनते हैं?
आयुर्वेद वैकल्पिक चिकित्सा के साथ पूर्ण सामंजस्य में काम करता है इसलिए यह रोजमर्रा के उपयोग के लिए व्यावहारिक है। आयुर्वेद संतुलित आहार दिशानिर्देशों, प्रभावी नींद पैटर्न, घरेलू उपचार, दैनिक और मौसमी दिनचर्या, योग और व्यायाम पैटर्न के साथ स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है।
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आयुर्वेदिक उपचार भारतीय आबादी के बीच सबसे पसंदीदा चिकित्सा पद्धति है। आंकड़ों के अनुसार, 77% भारतीय परिवार आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करते हैं।
दक्षिण भारतीय आबादी के बीच आयुर्वेद के बारे में जागरूकता पर एक शोध सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 60% लोग आयुर्वेद को चुनते हैं।
लोग आयुर्वेद को क्यों चुनते है ? आयुर्वेद एक चिकित्सा पद्धति है जिसमें अपने औषधीय प्रयोजन के लिए प्राकृतिक स्रोतों को शामिल किया जाता है, जो उपचार और दवाओं से बिना किसी या न्यूनतम दुष्प्रभाव के बीमारियों का इलाज प्रदान करता है।
यही कारण है लोग आयुर्वेद को चुनते है और ज्यादा से ज्यादा आयुर्वेद चिकित्सा का अपनाते है।
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